इक नन्ही मुन्नी सी पुजारन, पतली बाहें, पतली गर्दन। भोर भये मन्दिर आयी है, आई नहीं है माँ लायी है। वक्त से पहले जाग उठी है, नींद भी आँखों में भरी है। ठोडी तक लट आयी हुई है, यूँही सी लहराई हुई है। आँखों में Read More …
सफ़र तहज़ीब का.....
इक नन्ही मुन्नी सी पुजारन, पतली बाहें, पतली गर्दन। भोर भये मन्दिर आयी है, आई नहीं है माँ लायी है। वक्त से पहले जाग उठी है, नींद भी आँखों में भरी है। ठोडी तक लट आयी हुई है, यूँही सी लहराई हुई है। आँखों में Read More …