कैफ़ी आज़मी को याद करते हुए मुखातिब ने महफ़िल ए मुशायरा रखा है.मुखातिब की कन्वेनर आयशा का कहना है की हम नए लोग हैं और नए ही लोगों के साथ अपने शहर के अदब को सम्भालने बढ़ने निकले हैं.इस प्रोग्राम में कैफ़ी की ज़िदगी पर Read More …
सफ़र तहज़ीब का.....
कैफ़ी आज़मी को याद करते हुए मुखातिब ने महफ़िल ए मुशायरा रखा है.मुखातिब की कन्वेनर आयशा का कहना है की हम नए लोग हैं और नए ही लोगों के साथ अपने शहर के अदब को सम्भालने बढ़ने निकले हैं.इस प्रोग्राम में कैफ़ी की ज़िदगी पर Read More …